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भिंडी खाने के फायदे

जायद सीजन में लाल भिंडी की खेती आपको मालामाल बना सकती है

जायद सीजन में लाल भिंडी की खेती आपको मालामाल बना सकती है

भिंडी की सब्जी का सेवन करना बहुत सारे लोगों को काफी प्रिय होता है। यही वजह है, कि मंडियों में इसका अच्छा भाव मिलता है। क्योंकि कुछ लोग इसकी सूखी सब्जी बनाते हैं तो कुछ भरवां भिंडी खाना पसंद करते हैं। 

ऐसा कहना गलत नहीं होगा की यह एक लोकप्रिय सब्जी है। आपने भी कभी न कभी भिंडी की सब्जी अवश्य खाई होगी। जब भी भिंडी की बात होती है, तो हमारे मन में हरे रंग की भिंडी का विचार आता है। परंतु, क्या आप जानते हैं, कि भिंडी केवल हरी नहीं, बल्कि लाल रंग की भी होती है। 

जी हां, हरी भिंडी की भांति लाल भिंडी भी खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है। हालांकि, लाल भिंडी की कीमत हरी भिंडी से अधिक होती है। इन दिनों बहुत सारे किसान भाई लाल भिंडी की खेती कर इससे मोटा मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको लाल भिंडी की खेती के बारे में बताऐंगे। 

लाल भिंडी की दो उन्नत किस्में 

वर्तमान में लाल भिंडी की केवल दो ही उन्नत किस्में विकसित हुई हैं। साथ ही, किसान इन किस्मों की खेती करके मोटा लाभ उठा रहे हैं। इनमें, आजाद कृष्णा और काशी लालिमा शामिल हैं।

किसान भाई घर बैठे इस प्रकार मंगवाएं बीज

अगर किसान लाल भिंडी की उन्नत किस्म 'काशी लालिमा' और 'आजाद कृष्णा' का बीज घर पर पाना चाहते हैं, तो घर बैठे ऐसा कर सकते हैं। दरअसल, इसके लिए किसान राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। 

दरअसल, किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम भिंडी की उन्नत किस्मों के बीज ऑनलाइन बेच रहा है। इनके बीजों को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं।

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यहां किसानों को विभिन्न अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी सुगमता से मिल जाऐंगे। किसान इसको ऑनलाइन माध्यम से ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं। फिलहाल, राष्ट्रीय बीज निगम भिंडी के बीजों की खरीद पर काफी भारी अनुदान दे रहा है। 

अगर आप लाल भिंडी की प्रजाति 'काशी लालिमा' खरीदना चाहते हैं, तो इसके बीज का 100 ग्राम का पैकेट 40 फीसदी की छूट के साथ मात्र 45 रुपये में मिल रहा है। 

काशी लालिमा और आजाद कृष्णा किस्मों की विशेषताऐं ?

काशी लालिमा: काशी लालिमा किस्म की लाल भिंडी की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में सुगमता से की जा सकती है। हालांकि, इसके लिए आपको बीज खरीदते समय यह ध्यान देना पड़ेगा कि वह किस सीजन के बीज हैं। 

किसान जिस खेत में भी भिंडी की खेती करें, उसमें ध्यान रखें कि पानी ना रुके, वरना पौधे खराब हो सकते हैं। इस किस्म की फसल शीघ्रता से तैयार हो जाती है और ज्यादा समय तक फल प्रदान करती है। इसमें 45-50 दिन में ही फल मिलने चालू हो जाते हैं और लगभग 6 महीने तक मिलते रहते हैं।

आजाद कृष्णा: आजाद कृष्णा भिंडी का उत्पादन 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है। एंटीऑक्सीडेंट व एंथोसाइनिन होने की वजह से यह स्वास्थ्य के लिए तो लाभदायक होती ही है। 

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साथ ही, इसके सूखने के बाद गुड़ साफ करने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस किस्म की फसल भी काफी शीघ्रता से तैयार हो जाती है। इसके पौधे की ऊँचांई 100-125 सेमी तक होती है। गर्मयों में ये किस्म 40-45 तथा बरसात के दौरान 50-55 दिनों में उपज देना प्रारंभ कर देती है।

लाल भिंडी के क्या-क्या फायदे हैं ?

लाल भिंडी की कीमत हरी भिंडी से ज्यादा होती है। केवल इतना ही नहीं लाल भिंडी में हरी भिंडी से ज्यादा पौष्टिकता विघमान रहती है। लाल भिंडी स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयुक्त है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और आयरन होता है। 

इसका सेवन करने से बहुत सारी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। लाल भिंडी से लोगों को मधुमेह और दिल से जुड़ी बिमारियों में भी फायदा पहुंचता है। इसी वजह से लाल भिंडी की बाजार में खूब मांग रहती है।

किसानों ने इस योजना के अंतर्गत उगाई भिंडी की नई किस्म, इस तरह बढ़ाई आमदनी

किसानों ने इस योजना के अंतर्गत उगाई भिंडी की नई किस्म, इस तरह बढ़ाई आमदनी

आज के समय में किसान काफी जागरूक हो गए हैं। राजस्थान राज्य के राजसमंद जनपद में किसानों द्वारा DMFT योजना के अंतर्गत संकर भिंडी उत्पादित की जाती है। विशेष बात यह है, कि जनपद में समकुल 250 किसानों ने संकर भिंडी का उत्पादन किया है। भिंडी के अंदर विटामिन्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से शरीर को विभिन्न प्रकार की विटामिन्स एवं पोषक तत्व अर्जित होते हैं। यही कारण है, कि बीमार होने की स्थिति में डॉक्टर भी रोगी को भिंडी की सब्जी का सेवन करने की राय देते हैं। हालाँकि, बाजार में सदैव भिंडी उपलब्ध होती है। परंतु, गर्मी के मौसम में इसकी पैदावार बेहद ज्यादा होती है। इसकी वजह से ही इसकी कीमत में गिरावट आ जाती है। इसी मध्य खबर सामने आई है, कि किसानों ने एक ऐसी संकर भिंड़ी का उत्पादन किया है, जिससे उनको काफी अच्छा उत्पादन मिलने की संभावना है। राजस्थान के राजसमंद जनपद के किसान भाइयों ने यह सफलता हांसिल की है। किसानों ने DMFT योजना के अंतर्गत संकर भिंडी का उत्पादन किया है। विशेष बात यह है, कि जनपद में समकुल 250 किसानों ने संकर भिंडी की खेती की है। तो उधर कृषि अधिकारी आमेट रक्षा पारीक का कहना है, कि किसानों के खेत में उत्पादित की गई भिंडी का परीक्षण सफलतापूर्वक रहा है।

35 किलो भिंडी विक्रय से 1400 रुपये की आय हुई

विशेष बात यह है, कि इस संकर भिंडी को काफी कम जल की आवश्यकता होती है। किसानों ने बूंद- बूंद कर के सिंचाई करने की तकनीक से इस संकर भिंडी की खेती संपन्न की है। वर्तमान, समस्त किसानों के खेत में भिंडी की फसल लहलहाती दिख रही है। किसानों को यह आशा है, कि यदि मौसम ने उनका साथ दिया, तो वह भिंडी का अच्छा-खासा उत्पादन ले सकते हैं। हालांकि, एक किसान का कहना है, कि अब तक मैं 35 किलो भिंडी बेच चुका हूं, जिससे 1400 रुपये की आमदनी हुई है।

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किसानों की आय में होगा इतना इजाफा

बतादें, कि बाजार में भिंडी फिलहाल 80 से 100 रुपये किलो बेचा रहा है। अगर एक किसान पूरे सीजन में 100 किलो भिंडी बेचता है, तब उसको हाल ही की कीमत के हिसाब से 8 से 10 हजार रुपये तक की आमदनी हो सकती है। भिंडी की सर्वोच्च विशेषता यह है, कि इसकी फसल बारिश के मौसम में भी खराब नहीं होती है। वैसे तो बारिश होने पर शिमला मिर्च, तोरई, लौकी, खीरा और ककड़ी सहित ज्यादातर सब्जियों के पौधे खराब हो जाते हैं। परंतु, भिंडी पर कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ता है। जितनी ज्यादा बारिश होती है, भिंडी का पौधा भी उतनी ही तीव्र गति से बढ़ती है। इससे पैदावार में भी इजाफा हो जाता है।

भिंड़ी की खेती में कितने समयांतराल पर सिचांई की आवश्यकता होती है

बतादें, कि भिंडी की खेती में 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में इस प्रजाति की भिंडी की खेती करने वाले किसानों को सिंचाई पर आने वाली लागत से भी राहत मिलेगी। साथ ही, भिंडी को बाकी फसलों के तुलनात्मक खरपतवार भी कम हानि पहुंचाते हैं। हालांकि, इसके उपरांत भी किसानों को खरपतवार की सफाई अवश्य करनी चाहिए।